5 Simple Statements About shiv chalisa lyricsl Explained
5 Simple Statements About shiv chalisa lyricsl Explained
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जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
ता पर होत है शम्भु सहाई ॥ ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।
ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
It is made up of forty verses (chalisa), composed while in the Hindi language. The chalisa is structured in a poetic format and is also greatly recited by devotees as a means to praise and find blessings from Lord Shiva.
O Common Lord, every single early morning like a rule I recite this Chalisa with devotion. more info Please bless me to ensure I might be able to attain my content and spiritual needs.
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
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सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥ किया तपहिं भागीरथ भारी ।
भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का shiv chalisa in hindi नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
लिङ्गाष्टकम्